पारद शिवलिंग कैसा होता है Things To Know Before You Buy

पारद शिवलिंगाची रोज पूजा केल्याने वाकसिद्धी प्राप्त होते , समाजात खुलून बोलण्याची शक्ती निर्माण होते. लोक त्याला संमोहित होतात.

आमतौर पर हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की साकार रूप की पूजा होती है, जिनके हाथ, पैर, चेहरा आदि होता है, लेकिन एकमात्र शिव ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजे जाते हैं.

श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के अर्जुन सिंह चंदेल ने बताया कि हिंदू धर्म की प्राचीन पुराणों में भी पारद शिवलिंग की पूजा को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा समस्त दैहिक, दैविक एवं भौतिक महादुखों से मुक्ति दिलाने वाला है. कहा जाता है कि पारद शिवलिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही देव विद्धमान रहते हैं.

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लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में शिवलिंग रखने के कुछ नियम हैं? इन नियमों का पालन करने पर ही आपकी पूजा फलित होती है. इस श्रावण माह में यदि आप भी महादेव का पूजन कर उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो इन नियमों के बारे में जरूर जान लें.

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दोनों ही शिवलिंग अपने आप में महत्वपूर्ण और पूजनीय हैं। पारद शिवलिंग को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है, जबकि स्फटिक शिवलिंग को स्वयंभू रूप माना जाता है। पारद शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और ग्रह दोषों को कम करने में सहायक माना जाता है, वहीं स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होता है। आप अपनी आवश्यकताओं और पूजा पद्धति के अनुसार इनमें से किसी एक शिवलिंग को चुन सकते हैं।

पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभ

हां, आपको अवश्य ही कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, किसी विश्वसनीय विक्रेता से ही शिवलिंग खरीदें। शिवलिंग का आकार और गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए, किसी भी तरह का क裂 या खरोंच नहीं होना चाहिए। आप अपनी इच्छानुसार छोटे या बड़े आकार का शिवलिंग चुन सकते हैं।

पारा धातू पासून पारद शिवलिंग तयार केले जाते. हा एक द्रव पदार्थ आहे more info आणि त्यात तांबे ,कांसे, आणि इतर जडीबुटी मिसळून ह्या शिवलिंगाला आकार दिला जातो. तांबे हे पार्वतीचे रूप मानले जाते.

इसकी नियमित पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाती है।

ग्रंथों में बताया गया है कि पारद स्वयं सिद्ध धातु होती है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई पुराणों में मिलता है।

शिवलिंगावर घरात सतत पाण्याची धार लावणे हे शक्य नसते म्हणून त्यावर चंदन पावडर गंगाजल मध्ये मिक्स करून लेप करून ठेवावा.

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